शायर तो हम नहीं बस यु ही कलम चला लेते है कभी ख्वाब कभी ख्याल
कभी हकीकत को पन्नो पे बिखेर कर अपना दिल बहला लेते है!!
दीवानगी की हद क्या है, सिर्फ दीवाना जानता है
शमा के जलने का दर्द कहा परवाना जानता है !!
रूठो मगर वक़्त रहते मान जाओ, ये ना हो की तुम रूठे रहो और बाद मे पछताओ
जब जा रहे हो हम चार कांधो पर, और तुम अलविदा भी ना कह पाओ!
ये रात चाँद तारे लेके आई है, हर जगह चांदनी जगमगाई है
पर जाने क्यू मेरे जहाँ को रोशन करने मे चाँद ने भी की बेवफाई है!!
दिल के बिना कहा कोई जी पाया है जिसने दिल अपना दिया वो सिर्फ पछताया है
इस दिल को हमारे पास ही रहने दो खुद से दूर होके हमने इससे धडकना नहीं सिखाया है!!
माना ये वक़्त हमे याद करने का नहीं था, पर ख़ुशी है की आपने याद तो किया
सारे जहा की ख़ुशी है आपके पास, पर आपने हमारी कमी का एहसास तो किया!!
रात तो ख्यालो मे ही जाती है, पर अब तो दिन मे भी तेरा ही ख्याल आता है
बैठी होती हूँ महफिल मे, और ये मुझे तनहा कर जाता है!!
याद आप हमें हर वक़्त आते है फर्क है तो सिर्फ इतना की आप कह जाते है और हम कह नहीं पाते है!!
वक़्त यु ही गुजरता जायेगा और एक और याद पीछे छोड़ जायेगा कौन जाने कल
हम यहाँ हो ना हो पर यही तो वो पल है जो हर वक़्त आप लोगों की याद दिलाएगा!!
इस जहाँ मे कौन है ऐसा जो उम्र भर साथ निभाता है
वादे तो सब करते है पर वादों को कोई कोई ही निभा पता है !!
कहते है लोग की महफिलें तनहइयां दूर किया करती है
पर हमें तो अक्सर महफिलों मे ही तन्हाई मिलती है !!
दर्द में इतने ना डूबो कि सांस भर जी भी ना सको / महबूब पास आकर ठिठके और तुम उसे पा ना सको / ग़म से बोझिल है हर सांस, ये माना हमने / पर ठहरो, ज़रा ठहरो, उठो-ऐसा ना हो कि मुस्करा ना सको...।
ReplyDeleteइंतज़ार, तक़लीफ़, वफ़ा और दर्द से सनी शायरी ख़ूब ख़ूबसूरत है. बधाई.
अच्छी कोशिश। लगातार लिखने से और निखार आयगा।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
जी चाहता है आपका "About Me" चुरा लूँ ..
ReplyDeleteइतना दर्द अपनी शायरी मेँ क्यूं भरते हो?
ReplyDeleteइसे पढ़ने वाले कोई गैर नहीँ तुम्हारे अपने हैँ।
Well बधाई हो ! बहुत अच्छी शुरुआत कर रहीँ हैँ आप ।
अगर ये वर्ड वेरीफिकेशन को अपने ब्लॉग से हटा ले तो अच्छा होगा।
ताकी टिप्पणी देने मेँ कोई परेशानी ना आये।
" इस जहाँ मे कौन है ऐसा जो उम्र भर साथ निभाता है
ReplyDeleteवादे तो सब करते है पर वादों को कोई कोई ही निभा पता है !!
कहते है लोग की महफिलें तनहइयां दूर किया करती है
पर हमें तो अक्सर महफिलों मे ही तन्हाई मिलती है !!
" bahut hi badhiya .aapko bahut bahut badhai "
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
well too close to heart...
ReplyDeletehttp://sujit-kumar-lucky.blogspot.com
hume umeed na thi ki yun saraha jaayega humari ladkhadaati kalam ko ap logon ka pyar mil payega........ bahut bahut sukriya is hosla afjaayi k liye koshish karungi ki or behtar likhu bas ap log yun hi saath dete rahiye.......
ReplyDeleteDIL aur Tanhayee par bahut sundar likha hai .. sahi mei lagtaa hai yeh hai DIRECT DIL se ...... Bahut khoob .... Likhatee rahiye ... hum follow karte rahenge :)
ReplyDeletehttp://unbeatableajay.blogspot.com
very good
ReplyDeletebut you should try to write with heart and mind both bcz sometimes decision in life from heart...is not enough....
बढिया गज़ल. बधाई.
ReplyDeleteठीक ठाक लिखी है कविता। लेकिन लोगों को कमेंट लड़की होने के नाते मिले है
ReplyDeleteHqeekat ko pannon par khoob bikheriye ....lekin ladkhadhati kalam se naheen balki mazbooti ke sath thamkar .....shubhkamnayen......!
ReplyDeleteचिट्ठाजगत में आपका स्वागत है
ReplyDeleteउम्मीद है आपके लेखन में निरंतरता बनी रहेगी
excellent,superb.
ReplyDeletebahut achchha.
ReplyDeleteभावपक्ष मजबूत. अच्छी रचना है. थोडा शिल्प में सुधार अपेक्षित है.
ReplyDeleteladkhadi kalam ne kya gajab daya hai agar sahi chalegi na jane kya gajab dayegi bahut acha likha hai badhai dene ki nahi aaka haq banta hai
ReplyDeleteone word ...its awsome yaar ur sher bhi or ur introdution !
ReplyDeletei found something new at ur blog....goood work dost ..i love to join u ??
Jai Ho Mangalmay ho
wah wah ...kia baat hai ....har line me kafi kuch...sahi hai ...rishte bante salo me hai or tootte minto me hai.....Kah Dalo jo kahna hai ...kahi sochte na rah jaoo....Lucknow ki gaadi choote jayegi...aa
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