Friday, September 18, 2009

ज़िन्दगी..............



जाने कितने रंग लेके आती है ये ज़िन्दगी, कभी ख़ुशी कभी गम की दस्तक सुनाती है ये ज़िन्दगी
किसी पल हंसाती तो किसी पल रुलाती है ये ज़िन्दगी, कभी उम्मीद की एक किरण नज़र आती है और कभी नाउमीदी के पलों से घिर जाती है ये ज़िन्दगी
कभी अपनों की खुशियाँ देख के खिलखिलाती है तो कभी गमो के अंधेरों में लडखडाती है ये ज़िन्दगी
कभी दुःख की नदियाँ तो कभी सुख के समुन्द्र में खुशियों की लहरों सी मुस्कुराती है ये ज़िन्दगी
कभी रात के घने साए सी डराती है पर हर रोज़ एक नयी सुबह लाती है ये ज़िन्दगी
थोडी अटपटी है पर इन सभी पलो से कितना कुछ सिखाती है ये ज़िन्दगी
इन सभी पलों से तो मिलकर यादें बनाती है ये ज़िन्दगी, इसलिए मुझे तो हर पल खुशनुमा नज़र आती है ये ज़िन्दगी!

तो क्यूँ ना इन पलों को जी भर जीयें और फिर देखे कैसे हमसे जीत पाती है ये ज़िन्दगी !!